प्यार के बारे मे मुझे ज़्यादा मालूम तो नही है पर ये बात ज़रूर कह सकता हूँ की प्यार ज़िंदगी मे रंग भर देता है |
जब किसी की ख़ुशी मे अपनी ख़ुशी लगने लगे उसका ग़म अपना दर्द लगे..जिसके होने और ना होने के बीच
ज़िंदगी के मायने बदलने लगे ...जिसे ढूँढने के लिए सिर्फ़ और सिर्फ़ आँखें बंद करना पड़े...या फिर की आख़री
साँस केवल उसकी खातिर बाक़ी रहे ...शायद इसे ही प्यार कहते हैं...
पर प्यार मे शर्तें और बांदिसें नही होती...बस प्यार होता है और ये ज़रूरी नही की जिसे आप चाहें वो आपको मिल ही जाए...
" प्यार मे सौदा नही "
एक ग़ज़ल है...शायद 'अर्थ' या साथ-साथ पिक्चर का है...इसमे एक ना मिल पाने का दर्द है...
"क्यूं ज़िंदगी की राह मे मजबूर हो गए
इतने हुए क़रीब की हम दूर हो गए ...
ऐसा नही की हमको कोई भी ख़ुशी नही
लकिन ये ज़िंदगी तो कोई ज़िंदगी नही
क्यूं इसके फ़ैसले हमे मंज़ूर हो गए
इतने हुए क़रीब की हम दूर हो गए ...
पाया तुम्हे तो हम को लगा, तुमको खो दिया
हम दिल पे रोए और ये दिल हम पे रो दिया
पलकों से ख्वाब क्यूं गिरे
क्यूं चूर हो गए..
इतने हुए क़रीब की हम दूर हो गए..."
Saturday, April 19, 2008
RAAHEN
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